पहली बार मास्टर प्लान में देख सकेंगे कहां है पानी, बिजली व सीवेज की लाइन

  • 6 नवंबर को जिला योजना समिति की बैठक  में मास्टर प्लान पर विचार

  • 64 लेयर के होंगे जीआईएस बेस्ड इस मास्टर प्लान के मैप



भोपाल। भोपाल के नए मास्टर प्लान में जमीन के लैंडयूज के साथ पहली बार यह भी मैपिंग भी की जा रही है कि कहां बिजली लाइन है, कहां पानी की लाइन, कहां सीवेज लाइन और कहां सड़क से लेकर पार्किंग स्थल हैं? हर जमीन का लैंडयूज स्पेसिफिक तौर पर प्लान पर देख सकेंगे। जीआईएस बेस्ड यह मास्टर प्लान डिजिटल फार्मेट में होगा और इसे आप ऑनलाइन भी देख सकेंगे। मास्टर प्लान-2031 पर विचार के लिए 6 नवंबर को जिला योजना समिति (जियोस) की बैठक होने जा रही है।



जियोस में आने वाले सुझावों के आधार पर मास्टर प्लान के ड्राफ्ट को अंतिम रूप दिया जाएगा। हैदराबाद के नेशनल रिमोट सेंसिंग सेंटर और अहमदाबाद की सेप्ट यूनिवर्सिटी की मदद से तैयार किए जा रहे मास्टर प्लान में इस समय जीआईएस मैप की लेयर पर काम चल रहा है। मास्टर प्लान में शामिल किए जाने वाले हर मैप की 64 लेयर होगी। ऑनलाइन उपलब्ध रहने वाले इस प्लान में अस्पताल, स्कूल, कॉलेज, पानी की पाइप लाइन, सीवेज लाइन आदि के लिए अलग लिंक रहेगा। जमीन का कोई भी खसरा नंबर डालने पर नंबर से संबंधित जमीन की जानकारी सामने आ जाएगी।  केंद्र सरकार के अमृत प्रोजेक्ट के तहत हाल ही में ओंकारेश्वर का जीआईएस मास्टर प्लान ड्राफ्ट जारी किया गया है। बड़े शहरों में भोपाल मप्र का पहला शहर होगा जहां इस तरह का मास्टर प्लान बनाया जा रहा है।



सभी के लिए होगा उपयोगी... अब तक मास्टर प्लान केवल लैंडयूज की जानकारी के लिए ही उपयोग में लाया जाता है, लेकिन नया प्लान सभी के लिए उपयोगी होगा। नई बिजली लाइन, पानी नेटवर्क व सीवेज आदि के लिए एजेंसियां  इस प्लान के नक्शे का उपयोग कर सकेगी। कोई निजी व्यक्ति भी प्लान का डेटा टी एंड सीपी से सशुल्क ले सकेगा।


डेवलपमेंट रूल्स पर चल रहा विचार
टीएंडसीपी में एक टीम लैंड डेवलपमेंट रुल्स का अध्ययन कर रही है। मौजूदा लैंड डेवलपमेंट रुल्स में कुछ संशोधनों की जरूरत महसूस की जा रही है। छोटे रेसीडेंशियल प्लॉट पर साइड एमओएस का प्रावधान भी खत्म करने की मांग उठती रहती है। यह भी संभव है कि लैंड डेवलपमेंट रुल्स में संशोधन करने की बजाय भोपाल में कुछ खास प्रावधान जोड़ दिए जाएं।